China vs Taiwan: अमेरिका के साथ के बाद बड़ा ताइवान का जोश उड़ाया चीन का ड्रोन

China vs Taiwan: अमेरिका के साथ के बाद बड़ा ताइवान का जोश उड़ाया चीन का ड्रोन

चीन और ताइवान के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है, जहाँ एक तरफ यूरोप के एक हिस्से में शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध अभी खत्म ही नहीं हुआ था कि, अब वहीँ एशिया में नया मोर्चा खुलता नज़र आ रहा है, शुरू में सभी को यही लग रहा था कि रूस जैसे देश के सामने यूक्रेन जैसा छोटा देश कितने ही दिनों तक टिक पाता पर अभी स्थिति कुछ और ही है, पश्चिमी देशों के सहयोगं से यूक्रेन ने काफी हद तक युद्ध लड़ा और लम्बे समय तक रूस को छकाया ही नहीं बल्कि उसे भारी भरकम नुकसान भी पहुंचाया। वहीं अब दूसरी ओर ताइवान भी चीन के लिए चुनौती बनके उभर रहा है.

क्या है पूरा मामला?

एशिया में जहाँ एक तरफ चीन है, जो अपने लड़ाकू विमानों, युद्धपोतों, मिसाइलों और ड्रोन के दम पर धौंस जमात रहता है, तो वहीँ दूसरी तरफ ताइवान जैसा छोटा देश है, जो हर मामले में चीन से छोटा है चाहे वह इकॉनमी हो या मिलिट्री ताइवान चीन के सामने कहीं नहीं टिकता। फिर भी पिछले कुछ महीनों से उसके मनोबल में एक अलग ही बढ़त देखने को मिल रही है, दरहसल ताइवान को अमेरिका का साथ मिला हुआ है, भले ही वह अमेरिका से औपचारिक सम्बन्ध न हों फिर भी अमेरिका बढ़ चढ़ कर ताइवान का समर्थन चीन के खिलाफ खुलकर कर रहा है, यही वजह है की ताइवान का आत्मविश्वास आज सातवे आसमान पर है, 

हथियार बेचने की है योजना

अमेरिका ताइवान को लगभग 1.1 अरब डॉलर के हथियार बेचने की तैयारी में है, इसीलिए अमेरिकी कांग्रेस से मंजूरी भी मांगी गई है। जो हथियार ताइवान को बेचे जाएंगे उनमे 60 एंटी-शिप मिसाइलें और 100 एयर-टू-एयर मिसाइलें शामिल होंगी। औपचारिक राजनयिक संबंधों न होने के बावजूद वाशिंगटन ही ताइवान का सबसे मजबूत समर्थक उभरकर आया है जो उसे निसंकोच हथियार भी देगा । जून में भी अमेरिका ने 12 करोड़ अमेरिकी डॉलर मूल्य के कल-पुर्जे ताइवानी नौसैनिक जहाजों के लिए देने का ऐलान किया था। 

कुशाग्र उपाध्याय